बृज वृन्दावन संस्कृति एवं शैक्षिक फाउंडेशन
ब्रज वृंदावन परिवार विश्व के समस्त जीवो की भौतिक व आध्यात्मिक उन्नति व (सर्वजन हिताय: सर्वः जनः सुखायः) की भावना को स्थापित करना चाहता है यह फाउंडेशन जाती, पंथ, धर्म, लिंग या उम्र किसी मैं भी भेदभाव नही करता है । ब्रज वृन्दावन परिवार समाज मे भारतीय सनातन संस्कृति और सभ्यता के साथ आज के युवाओं में दैनिक आचरणों मैं संस्कार व आध्यात्मिक विवेक का बल स्थापित करना चाहता है और विश्व मे एक ऐसी क्रांति लेकर आना चाहता है, जिससे हमारा भारतीय युवा अपनी शिक्षा के साथ-साथ सनातन संस्कृति व सभ्यता का पालन करने लगे। जिससे युवाओं के जीवन मे धर्म सहित आचरण प्रकट हो, ब्रज वृंदावन का संकल्प है आज का युवा अपने जीवन को आध्यात्मिक व भौतिक उन्नति को इतना महत्व दे। जिसका परिणाम स्वरूप हमारा भारत देश फिर से नवस्वर्णिम इतिहास रचेंने योग्य हो जाये। हमारा धेय्य यह भी है समस्त विश्व के जो भिन्न-भिन्न धर्मो की जो संस्कृति है उनको पहचान कर युवान अपने दैनिक जीवन मे उतारे। जिससे युवाओं मैं सद्भावना का गुण स्थापित हो। जिसके फलस्वरूप समस्त विश्व के युवा सम्रद्धि व बिकास करने लग जायेंगे। यह ब्रज वृन्दावन परिवार का उद्देश्य भी है ब्रज वृन्दावन परिवार को देश के नागरिकों से यही आशा है की आप सभी देश वासी हमारे परिवार का समर्थन कर हमारे संकल्प ओर उद्देश्यों को सफल बनाने के साथ-साथ हमारे कदम से कदम मिला कर साथ चलें ।।
बृज वृंदावन (माधवदास)🖊
बृज वृन्दावन संस्कृति एवं शैक्षिक फाउंडेशन
पारंपरिक शिक्षा
पारंपरिक शिक्षा, एक संस्कृतिक और इतिहासिक मान्यता है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ज्ञान और अनुभव को संचारित करती है। यह शिक्षा विद्यालयों और अध्यापकों के माध्यम से होने वाली तकनीकी शिक्षा से भिन्न होती है और ज्ञान, मूल्य, संस्कृति, रीति-रिवाज और विचारों के संकलित धारण को प्राथमिकता मिलती है।
आध्यात्मिक शिक्षा
आध्यात्मिक शिक्षा, मन और आत्मा के संबंधों को समझने और विकसित करने का प्रक्रियाधारित तरीका है। यह शिक्षा व्यक्ति को आत्म स्वविकास, आध्यात्मिकता, ध्यान, मनोनियंत्रण, अलौकिक ज्ञान, और सत्य के आदर्शों और मूल्यों की प्राप्ति में सहायता करती है।
संस्कृति एवं सभ्यता
संस्कृति और सभ्यता दोनों एक ही मानवीय विकास के ऐसे पहलु हैं जो मानव समाज को मूल्यों, मान्यताओं, आचार-व्यवहारों, रीति-रिवाजों और कला-संस्कृति से जोड़े रखते हैं। संस्कृति और सभ्यता में प्रतिस्पर्धा नहीं होनी चाहिए, बल्कि ये दोनों नगरों के साथ साथ विकास करने वाले होने चाहिए।
भारतीय नृत्य
भारतीय नृत्य, भारतीय संस्कृति का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है और रंगमंच कला का एक प्रमुख अंग है। इसमें भारतीय संगीत, ताल, अभिनय, और नृत्य का समन्वय होता है और रंगीनता, सौंदर्य, भावना, और कला की ऊर्जा को प्रस्तुत करता है। भारतीय नृत्य यह सिद्ध करता है कि मनुष्य की आन्तरिक अभिव्यक्ति, संगीती, और साहित्यिक विस्मरण कार्यक्षेत्र के रूप में कला के माध्यम से सम्पादित की जा सकती है।
भारतीय संगीत
भारतीय संगीत, भारतीय संस्कृति का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है और एक प्राचीन और प्रशंसित कला रूप है। यह एक मनोहारी कला है जिसमें अद्वितीय संगीती, ताल, गायन और वादन का समन्वय होता है। भारतीय संगीत एक संवादात्मक भाषा है, जिसके माध्यम से भावनाएं, रस, और विभिन्न भावों को व्यक्त किया जाता है।
पारंपरिक खेल
आध्यात्मिक शिक्षा मनुष्य के आत्मा के विकास और आनंद को प्राप्त करने के लिए एक मार्ग है। यह शिक्षा मन की शुद्धि, ज्ञान के प्राप्ति, ध्यान और आत्मानुभूति के माध्यम से होती है। इसमें आध्यात्मिक मार्गदर्शक, सत्संग, मन्त्र जाप, ध्यान, योग और सेवा जैसे तत्व शामिल हो सकते हैं। आध्यात्मिक शिक्षा मनुष्य को आत्म-प्रेम, सम्मोहन, सामर्थ्य और स्वयंभूत ज्ञान में संपूर्णता की ओर प्रेरित करती है।
योग और ध्यान
आध्यात्मिकता और अवस्थानुभव के माध्यम से मन, शरीर और आत्मा के संयोग को स्थापित करने के लिए एक प्राकृतिक अभ्यास है। ये दोनों क्रियात्मक प्रक्रियाएं सामग्री को निगरानी करने, मनोसंयम प्राप्त करने, मन को शांत करने और अद्वैत अनुभव करने की प्रशिक्षण देती हैं।
रोजगार प्रतियोगिता
रोजगार का महत्वपूर्ण भूमिका हमारे समाजिक और आर्थिक विकास में होता है। इसके कई लाभ हैं, जो मेरे निम्नलिखित हैं: 1. आर्थिक स्थिरता 2.-स्वावलंबन: 3.-सामाजिक मान्यता: 4.-विकास का अवसर
हमारा शैक्षणिक पाठ्यक्रम
पूर्व-प्राथमिक
पूर्व-प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे 3 से 5 वर्ष के बीच की आयु के होते हैं। ये बच्चे अपनी पहली शैक्षिक यात्रा पर होते हैं और इस दौरान उन्हें खेल-खुद, गतिविधियों, रंग-रंगोली, कविताएं, गिनती, और अन्य शैक्षिक कार्यक्रमों का मनोहारी माहौल मिलता है।
प्राथमिक शिक्षा
प्राथमिक शिक्षा के दौरान पढ़ने वाले बच्चे 6 से 10 वर्ष की आयु के होते हैं। ये बच्चे अपनी शिक्षा के प्राथमिक स्तर पर होते हैं और इस दौरान वे प्राथमिक शिक्षा के मूल तत्वों को सीखते हैं।
माध्यमिक विद्यालय
माध्यमिक विद्यालय के बच्चे होते हैं जो 14 से 18 वर्ष की आयु के होते हैं। ये बच्चे उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के विद्यार्थी होते हैं और इस दौरान उन्हें विभिन्न विषयों पर गहन अध्ययन करने का मौका मिलता है।
उच्चतर माध्यमिक
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के बच्चे उच्चतर माध्यमिक विद्यालय 16 से 18 वर्ष की आयु के होते हैं। ये बच्चे हाईस्कूल या इंटरमीडिएट के स्तर पर पढ़ाई करते हैं और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा की दिशा में तैयारी करते हैं।
General category
ब्रज वृंदावन परिवार धर्म,जाती,पंथ,लिंग या उम्र मैं कोई भेदभाव नही करता इसमें समस्त भारतीय जन समुदाय हमारे परिवार का सदस्य बनकर लाभ ले सकते है और सामान्य वर्ग के लिये भी प्रतियोगिता मैं भाग लेने का अवसर मिलेगा
आप अपनी चंचला लक्ष्मी का उपयोग धर्म क्षेत्र पर कर सकते हैं
3000 +
Students
14 +
Instructors
9 +
Courses
The 5 ORIGINAL JAGADGURUS
PHILANTHROPY
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Ut elit tellus, luctus nec ullamcorper mattis, pulvinar dapibus leo.
FIND OUT MORE
Parents, Students, Teachers Reviews
Ritik Tiwari
Now when I am transferring to a college, I feel very grateful for the Gurukul’s big contribution through providing a good background in culture behaviour and personal experience. I spent 3 years in Gurukul.
Pamela Duncan
Feeling very proud to say that I am the part of Shree Swaminarayan Gurukul, before join this school I was very arrogant but this school is changed my attitude. Now I come to know the importance of parents as well as education.
Ritik
We will always be indebted for the fact that our children have got the knowledge of mental and physical education, mental development, and it is possible only in this institution in the era of professional education of today’s education.
सामान्य प्रश्न
ब्रज वृंदावन कल्चर एंड एजुकेशनल फाउंडेशन के बारे में जानकारियां
ब्रज वृंदावन कल्चर एंड एजुकेशनल फाउंडेशन एक सामाजिक संगठन है जो धर्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का समर्थन करता है और शिक्षा, कला, संस्कृति, स्वच्छता, और सामुदायिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है। यह फाउंडेशन जगद्गुरु कृपालु जी महाराज के विचारों और मार्गदर्शन पर आधारित है।
ब्रज वृंदावन कल्चर एंड एजुकेशनल फाउंडेशन द्वारा नियमित रूप से विचारों के साथ-साथ शिक्षा, कला, संस्कृति, धार्मिक गतिविधियां, कार्यक्रम और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है। ब्रज वृंदावन परिवार धर्म,जाति, पंथ,लिंग व उम्र मैं किसी प्रकार का भेदभाव नही करता ओर ब्रज वृंदावन परिवार सम्पूर्ण विश्व मे धार्मिकता, सभ्यता, और संस्कृति के संदेश का प्रचार करने के लिए स्थापित किया गया है।
इस फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य विभिन्न सामाजिक और शैक्षिक कार्यक्रमों, यात्राओं, कवि सम्मेलनों, आदिवासी विकास परियोजनाओं, योग और ध्यान शिविरों आदि का संचालन करके सामाजिक सेवा करना है। यहां धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जगद्गुरु कृपालु जी महाराज के शिक्षाओं और धर्मिक संदेश का प्रचार किया जाता है।
हम ब्रज वृंदावन मैं क्यो शामिल हो?
ब्रज वृंदावन परिवार ने बच्चो की शिक्षा के लिये अलग- अलग प्रतियोगिताओ की योजनाएं बनाई है। जिसमे जो बच्चे उत्तीर्ण हुआ करेंगे उनको उचित धनराशि सम्मानपूर्वक दी जाया करेंगी। युवा विभिन्न प्रतियोगिताओं से प्रभावित होकर अपनी शिक्षा को विशेष महत्व देंगे। साथ- साथ आज का युवा भारत की संस्कृति व सभ्यता ओर दैनिक जीवन के आचरणों मैं संस्कारो की कमी आ रही , इन सब प्रतियोगिता मैं भाग लेकर।।
हमारी प्रतियोगिता निम्नलिखित है
(1)पारंपरिक शिक्षा
(2)आध्यात्मिक शिक्षा
(3)योग एंव ध्यान
(4) संस्कृति एवं सभ्यता
(5)भारतीय नृत्य
(6)भारतीय संगीत
(7)भारतीय खेल
(8)रोजगार प्रतियोगिता
(9)स्वास्थ की पूर्ति के लिये प्रतियोगिता।
आज समाज मे सबसे बड़ी हानि शिक्षा,संस्कृति व भारतीय सभ्यता की हो रही है जिसका परिणाम देश के युवाओं मैं आंतरिक चेतना का बल एवं विवेक शून्य होते जा रहा है आज के युवाओ मे निराशा ओर अशांत होते दिख रहा है। ब्रज वृन्दावन परिवार आपसे पूछता है। क्या आज के युवाओं मैं शहनशीलता, विनम्रता, दयावान, कर्मनिष्ठ, व धर्मनिष्ठ होने की संभावना कितनी मात्रा मे है। ब्रज वृंदावन परिवार बच्चो की शिक्षा की उन्नति व रोजगार मैं भी सहायता प्रदान करेगा, ब्रज वृंदावन परिवार के उदेशयः से जुड़कर बच्चे अपनी शिक्षा को महत्व देंगे , साथ-साथ सनातन संस्कृति को महत्व देंगे।
ब्रज वृंदावन कल्चर एंड एजुकेशनल फाउंडेशन भारत देश को कई लाभ प्रदान कर सकता है। यहां कुछ मुख्य लाभ शामिल हैं:
संरक्षण और प्रशंसा ब्रज वृंदावन क्षेत्र की: ब्रज वृंदावन कल्चर एंड एजुकेशनल फाउंडेशन के माध्यम से, भारत देश में ब्रज वृंदावन क्षेत्र की महत्त्वपूर्णता को प्रमोट किया जा सकता है। इस क्षेत्र की धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्त्वपूर्णता को लोगों के बीच प्रचारित करने से, इसे संरक्षित रखने का उद्यम बढ़ाया जा सकता है।
शिक्षा के आदान-प्रदान का सुविधाजनक विकास: यह फाउंडेशन शिक्षा कार्यक्रमों का समर्थन करके और नई शिक्षा प्रणालियों के प्रदान करके भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में विकास को प्रोत्साहित कर सकता है। इससे भारत देश में उच्चतर शिक्षा की स्थापना, सामग्री की गुणवत्ता का सुधार, और शिक्षार्थियों के सामान्य विकास को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
सामुदायिक उत्थान: सामुदायिक विकास कार्यक्रमों के माध्यम से, यह फाउंडेशन समाज के निर्माण और उत्थान को समर्पित है। यह संगठन मानवीय संबंधों को समृद्ध करने, सामाजिक संगठन की प्राथमिकताओं का पुनर्स्थापना करने, और मार्गदर्शन के माध्यम से सामुदायिक उत्थान को सुनिश्चित करता है। इससे भारतीय समुदाय को स्वाभिमान, समानता, और आपसी मेल-जोल जैसे मान्यताएं प्राप्त हो सकती हैं।
परंपरागतता का संरक्षण: ब्रज वृंदावन कल्चर एंड एजुकेशनल फाउंडेशन धार्मिक विरासत, संस्कृति, कला, और ऐतिहासिकता को संरक्षित करने का भी महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है। इसे लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के माध्यम से और संगठनित कार्यक्रमों और प्रदर्शनीय आयोजनों के द्वारा किया जा सकता है। इससे परंपरागतता और सृजनशीलता को संरक्षित रखने के साथ सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं को भी प्रमोट किया जा सकता है।
इस प्रकार, ब्रज वृंदावन कल्चर एंड एजुकेशनल फाउंडेशन का विचार भारत देश के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक, और शिक्षात्मक उपकारी हो सकता है, जो समाज के विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है।
ब्रज वृंदावन परिवार का सदस्य बनने के लिये आपको हमारी website के माध्यम से या हमारे ऑफिस जाकर आपको रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेंगा, जिससे आप हमारे परिवार के सदस्य बन जायेंगे ओर ब्रज वृंदावन से मिलने वाले जितने भी लाभ होंगे वह आपको मिल पाएंगे।
निवेदन:-आपसे निवेदन है ब्रज वृंदावन परिवार को दस रुपये रोज का योगदान प्रदान करवाए, जिससे ब्रज वृंदावन परिवार आने वाले समय मैं ब्रज वृंदावन कल्चर एंड एजुकेशनल गुरुकुल का निर्माण देश के प्रत्येक शहर मे कराएगा, जिसमे भौतिक शिक्षा के साथ आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान कराई जाएगी। उसमे ऐसे बच्चो को पढ़ाया जाएगा ,जो धनराशि के अभाव मैं आकर उचित शिक्षा प्राप्त नही कर पाते।
विशेष अनुरोध
आपके दस रुपये दिन के सहयोग मात्र से भारत के अनैक बच्चो का भविष्य बदल सकता है